खगोल विज्ञान
दिवस (ASTRONOMY DAY)
Estimated reading time: 2 minutes, 38 seconds
खगोल
विज्ञान किसे कहते हैं ?
|
WORLD ASTRONOMY DAY |
खगोल का अर्थ आकाशमंडल होता है| खगोल शास्त्र, एक ऐसा शास्त्र है जिसके अंतर्गत पृथ्वी और उसके वायुमण्डल के बाहर होने वाली घटनाओं का अवलोकन, विश्लेषण तथा उसकी व्याख्या (explanation) की जाती है। यह वह अनुशासन है जो आकाश में अवलोकित की जा सकने वाली तथा उनका समावेश करने वाली क्रियाओं के आरंभ, बदलाव और भौतिक तथा रासायनिक गुणों का अध्ययन करता है। खगोलिकी ब्रह्मांड में अवस्थित आकाशीय पिंडों का प्रकाश, उद्भव, संरचना और उनके व्यवहार का अध्ययन खगोलिकी का विषय है। अब तक ब्रह्मांड के जितने भाग का पता चला है उसमें लगभग 19 अरब आकाश गंगाओं के होने का अनुमान है और प्रत्येक आकाश गंगा में लगभग 10 अरब तारे हैं। आकाश गंगा का व्यास लगभग एक लाख प्रकाशवर्ष है। हमारी पृथ्वी पर आदिम जीव 2 अरब साल पहले पैदा हुआ और आदमी का धरती पर अवतण 10-20 लाख साल पहले हुआ। पश्चिमी संस्कृति में गैलीलियो नामक खगोल विज्ञानी को आधुनिक खगोलशास्त्र का पिता माना जाता है। हालाँकि कुछ लोग यह नाम कॉपरनिकस को देते हैं।
खगोल विज्ञान
दिवस
खगोल विज्ञान को अंग्रेजी में ASTRONOMY कहा जाता है तथा इसे ज्योतिषी शास्त्र में (नक्षत्र विद्या) भी
कहा जाता है वर्ल्ड एस्ट्रोनॉमी डे या विश्व खगोल विज्ञान दिवस प्रतिवर्ष मनाया
जाने वाला इवेंट है जिसे दुनिया भर में बसंत और पतझड़ के मौसम में वर्ष में दो बार
मनाया जाता है | इस बार 2 मई और 26 सितम्बर को ये
मनाया जायेगा | एस्ट्रोनॉमी डे को मनाने के पीछे उद्देश्य आम जनता को खगोल विज्ञान से परिचय
करवाना, खगोल विज्ञान के महत्व को जन-जन तक पहुँचाना है इसके अंतर्गत
सामान्य लोग, शौकिया खगोल शास्त्री, अंतरिक्ष विज्ञान में दिलचस्पी रखने
वाले लोग मिलते हैं
और अंतरिक्ष विज्ञान के रोचक और अनोखे प्रयोग करते हैं |
खगोल विज्ञान में रूचि रखने वालों के लिए आभासी टेलिस्कोप
के
दवारा ब्रह्माण्ड का दर्शन किया जा सकता है
वर्ल्ड एस्ट्रोनॉमी डे का
इतिहास – History of World Astronomy
वर्ल्ड
एस्ट्रोनॉमी डे विश्व खगोल विज्ञान दिवस की शुरुआत सन 1973 में
कैलीफोर्निया अमेरिका में हुई| इसकी शुरुआत एस्टॉनोमिकल एसोसिएशन आफ
नार्थन कैलिफोर्निया के अध्यक्ष Doug Berger ने की थी, उन्होंने सोचा की अंतरिक्ष विज्ञान
में दिलचस्पी रखने वाले सभी लोग अंतरिक्ष वेधशाला तक सफर करके नहीं जा सकते
इसके लिए छोटे-छोटे टेलीस्कोप्स उनके शहर में ही उपलब्ध कराए जाने चाहिए जिससे वह
वर्ष में दो बार आकाश का अध्ययन कर सकें इसके लिए उन्होंने शहरों, शॉपिंग मॉल्स गली के कोनो आदि में
छोटे-छोटे टेलीस्कोप लगवाए| उनका यह आइडिया काम कर गया, लोगों
ने वर्ल्ड एस्ट्रोनॉमी डे में काफी दिलचस्पी दिखाई, पहले जिन लोगों ने टेलीस्कोप से आकाश
का अध्ययन नहीं किया था उन्होंने भी इसका उपयोग किया और उनकी दिलचस्पी से बढ़ गई, अब
यह लोग जानना चाहते थे कि ऑब्जर्वेटरी में लगे बड़े बड़े टेलिस्कोप से आकाश किस
प्रकार दिखाई देता है इसके लिए उन्होंने सबसे पास स्थित ऑब्जर्वेटरी में जाना शुरू
किया इससे जनता की भीड़ एस्ट्रोनॉमी क्लब और एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेट्रीज में आने
लगी| अमेरिका में सफल होने के बाद इस कांसेप्ट को दुनिया के दूसरे देशों में भी
अपना लिया गया दुनिया भर में स्कूल, कॉलेज तथा एस्ट्रोनॉमी क्लब प्रतिवर्ष
दो बार एस्ट्रोनॉमी डे पर
कई इवेंट आयोजित करते हैं |
0 टिप्पणियाँ
please do not enter any spam link in the comment box.