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LUNAR ECLIPSE 2020

LUNAR ECLIPSE 2020

चंद्रग्रहण 2020 

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LUNAR ECLIPSE 
यह वर्ष 2020 खगोलीय घटनाओं में रूचि रखने वालों के लिए बेहद ख़ास है क्योंकि इस वर्ष हमें कई चंद्रग्रहण और सूर्य ग्रहण देखने को मिलेगा | वर्ष 2020 में चार चंद्र ग्रहण हैं- एक जनवरी में हुआ था और बाकी जून, जुलाई और नवंबर में लगने वाले हैं. 5 जून को होने वाला चंद्रग्रहण उपच्छाया होगा. इसका अर्थ है कि चांद, पृथ्वी की हल्की छाया से होकर गुजरेगा वर्ष 2020 में पहला चंद्रग्रहण 10 जनवरी को लगा था| और अब दुसरा चंद्रग्रहण 5 जून को लगने जा रहा है जो कि उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा | जिसकी शुरुआत 5 जून की रात 11:16 बजे से प्रारंभ होकर 6 जून 2:32 मीनट तक रहेगा | ग्रहण रात 12:54 बजे अपने अधितम प्रभाव में होगा | जून में ही 21 तारीख को सूर्य ग्रहण भी लगेगा खास बात ये है कि ये दोनों ही ग्रहण भारत में दिखाई देगा यह ग्रहण भारत सहित एशिया, अफ्रीका, यूरोप और आस्ट्रेलिया के लोग देख पाएंगे |


चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse) किसे कहते हैं ?

जिस तरह से सूर्य का अपना प्रकाश होता है उस तरह से चंद्रमा का अपना प्रकाश नहीं होता है वो सूर्य के परावर्तित प्रकाश से चमकता है मतलब जब भी हम चंद्रमा को देखते है और उसका जितना भाग हमें चमकता हुआ नजर आता है उतने भाग पर सूर्य का प्रकाश पड़ रहा होता है| इसी प्रक्रिया में जब पृथ्वी, सूर्य और चन्द्रमा के बीच आ जाती है तो चन्द्रमा पर पड़ने वाला सूर्य का प्रकाश पृथ्वी की छाया से ढक जाता है इसी खगोलीय घटना को चन्द्रग्रहण कहा जाता है | दुसरे शब्दों में कहें तो जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में संरेखित होते हैं तो हम पृथ्वी की स्थिति के आधार पर सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण देखते हैं | चंद्र ग्रहण उस वक्त लगता है जब पूरा चांद निकला हुआ हो और पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाए | इस तरह सूर्य की किरणों को सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती हैं | यह तभी होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा दोनों के बीच आ जाए |

चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं-
(1) पूर्ण   (2)आंशिक (3) उपच्छाया

चंद्रग्रहण को कैसे देखें ?


चंद्रग्रहण को कैसे देख सकेंगे चंद्रग्रहण को देखने के लिए किसी विशेष साधन की आवश्यकता नही होती है आप इसे नंगी आखों से भी देख सकते है | लेकिन यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण है इसलिए अगर आप टेलिस्कोप की सहायत से अगर इस ग्रहण को देखेंगे तो ये और भी शानदार नजर आएगा | उपच्छाया चंद्रग्रहण कोई केवल टेलिस्कोप से ही देखा जा सकता है क्योंकि उपच्छाया चंद्रग्रहण में चंद्रमा कि धुंधली सी परत नजर आती है | इस घटना में चंद्रमा के आकार में कोई फर्क नजर नहीं आता है |


सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse)

सूर्यग्रहण भी एक खगोलीय घटना है | चांद के पृथ्वी और सूर्य के बीच आने के कारण सूर्यग्रहण होता है | इस दौरान चांद की छाया धरती पर पड़ती है और जिस जगह पर यह छाया पड़ती है वहां आंशिक रूप से अंधेरा हो जाता है | इसी घटना को सूर्यग्रहण कहा जाता है ऐसे में सूर्य को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए |

चंद्र ग्रहण की तरह सूर्य ग्रहण भी तीन तरह के होते हैं-
(1) पूर्ण   (2)आंशिक (3) उपच्छाया


जून में ही लगेगा वर्ष का पहला सूर्यग्रहण 

जून में साल का तीसरा ग्रहण और साल का पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है इस ग्रहण को भारत में देखा जा सकेगा | 21 जून को सूर्य ग्रहण सुबह 9बजकर15 मीनट पर शुरू होगा और दोपहर 3 बजकर 4 मीनट पर खत्म होगा | इस दौरान फुल एक्लिप्स 10बजकर17मीनट पर शुरू होगा और 2बजकर2 मीनट पर खत्म होगा |

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