मुझको बुलाने वालों कि उम्रें निकल गई लेकिन मैं तेरे एक इशारे पे आ गया
shayar munawwar rana |
दरिया को जोम था कि मैं धारे पे आ गया
लेकिन मैं बच-बचा के किनारे पे आ गया
मुझको बुलाने वालों कि उम्रें निकल गई
लेकिन मैं तेरे एक इशारे पे आ गया
उसका तमाम हुश्न हमारी नज़र में है
कश्मीर सारा एक शिकारे पे आ गया
साँसों कि दूर टूट भी जाए तो गम नहीं
शुक्रे खुदा, मैं आखिरी पारे पे आ गया
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Dariya ko zom tha ki main dhare pe aagya
Lekin main bach-bacha ke kinare pe aagaya.
Mujhko bulane walon ki umra nikal gayi
Lekin main tere ek ishare pe aagaya.
Uska tamam husna hamari nazer mai hai
Kashmir saara ek shikare pe aagaya.
Saason ki dor toot bhi jaye to gum nahin
Shukre - Khuda, main aakhiri paare pe aagaya
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