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EARTH DAY

EARTH DAY

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EARTH DAY 2020
रात में जब हम आकाश कि और देखते हैं तो हमें अनगिनत तारे नजर आते हैं जो हमसे बहुत दूर हैं और जिनके बारे में हमें ज्यादा कुछ पता नहीं है इन्हीं ग्रहों और तारों के बीच एक सुन्दर सा ग्रह भी है जो सबसे अलग है जहाँ हम रहते हैं, जिसे हम पृथ्वी कहते हैं | प्रकृति ने इस ग्रह को बहुत सी संपदाओं से नवाजा है कई तरह कि स्थालाकृतियाँ, स्थल मंडल,जल मंडल,वायु मंडल,जैव मंडल में विभाजित कर इस को सजाया और संवारा है| और सबसे बड़ी बात कि यहाँ जीवन को पैदा किया है लाखों तरह के जीव-जंतुओं,वनस्पतिओं से पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण किया है | अपनी इस रचना में प्रकृति ने मानव को इस ग्रह का सबसे बुद्धिमान प्राणी बनाया ताकि वो इस धरती के संसाधनों का सदउपयोग कर अपना विकास कर सके और साथ ही साथ धरती और इसमें रहने वाले जीवों की संरक्षित और इसके पर्यावरण सुरक्षा प्रदान करें| लेकिन मनुष्य विकास कि होड़ में पृथ्वी के प्रति अपने कर्तव्यों को अनदेखा कर रहा है और अपने उद्देश्यों कि पूर्ति हेतु पर्यावरण और पारिस्थितिक तंत्र से खिलवाड़ कर रहा है| बढ़ते औद्योगिकरण,नगरीयकरण,वृक्षभूमि का सफाया,जंगलों कि आग,खननकार्य ,निर्माण कार्य,प्रदुषण, इत्यादि से हमारे पृथ्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है जिससे ग्लेशियर पिघल रहे हैं, सूर्य कि हानिकारक किरणों से बचाने वाला ओजोन परत का क्षरण हो रहा है| उद्योगों से निकलने वाले जहरीले पदार्थों का नदी के जल में मिलने से जल प्रदुषण हो रहा है जिससे जल में रहने वाले जीव मर रहे हैं | तापमान बढ़ने एवं जल के अत्यधिक दोहन से नदियां का सूखना, पर्यावरण प्रदूषण एक बहुत बड़ा कारण है जो हमें भूमणडलीय तापक्रम में वृद्धि की ओर ले जा रहा है। रोजाना बढ़ते औद्योगिकीकरण वनों की कटाई की ओर ले जा रहें हैं जो अंतत: धरती के तापमान को बढ़ाने का कारण बन रहा है । जो धरती पर स्वाश्वत जीवन के लिये खतरा है | जिसको कुछ छोटे उपायों को अपनाकर कम किया जा सकता है, जैसे पेड़-पौधे लगाना, वनों की कटाई को रोकना, वायु प्रदूषण को रोकने के लिये वाहनों के इस्तेमाल को कम करना, बिजली के गैर-जरुरी इस्तेमाल को घटा कर ऊर्जा संरक्षण को बढ़ाना। यही छोटे कदम बड़े कदम बन सकते हैं अगर इसे पूरे विश्वभर के द्वारा एक साथ अनुसरण किया जाये।

क्यों मनाया जाता है अर्थ डे ?


पृथ्वी पर रहने वाले जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों को बचाने और दुनिया भर में पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 22 अप्रैल को अर्थ डे (World Earth Day) मनाया जाता है | पृथ्वी दिवस यानि अर्थ डे के मौके पर पर्यावरण संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है, साथ ही लोग पर्यावरण को बेहतर बनाने का संकल्प भी लेते हैं |

पृथ्वी दिवस/अर्थ डे का इतिहास


पृथ्वी दिवस एक वार्षिक आयोजन है, जिसे 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्थन प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया जाता है. इसकी स्थापना अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में एक पर्यावरण शिक्षा के रूप की थी | और सबसे पहले पृथ्वी दिवस यानि अर्थ डे 1970 में मनाया गया था अब इसे 192 से अधिक देशों में प्रति वर्ष मनाया जाता है | इसकी शुरुआत एक अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने की थी। 1969 में सांता बारबरा, कैलिफोर्निया में तेल रिसाव की भारी बर्बादी को देखने के बाद वे इतने आहत हुए कि उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को लेकर कुछ करने का फैसला किया। नेल्सन के आह्वान पर 22 अप्रैल 1970 को लगभग 2 करोड़ अमेरिकी लोगों ने एक स्वस्थ, स्थायी पर्यावरण के लक्ष्य के साथ पृथ्वी दिवस के पहले आयोजन में भाग लिया। हजारों कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने प्रदूषण के विरुद्ध प्रदर्शन किया। यह पर्यावरण की जागरुकता को लेकर सबसे बड़ा आयोजन था। इसके बाद धीरे-धीरे दुनियाभर में यह आयोजन होने लगा। टेलिविज़न अभिनेता एड्डी अलबर्ट ने भी पृथ्वी दिवस, के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी |

पृथ्वी दिवस शब्द


"पृथ्वी दिवस या अर्थ डे" शब्द को जुलियन कोनिग ने दिया था। इस नए आंदोलन को मनाने के लिए 22 अप्रैल का दिन चुना गया। क्योंकि इसी दिन केनिग का जन्मदिन भी होता है। वहीं रोन कोब्ब ने एक पारिस्थितिक प्रतीक (Ecological symbol) का निर्माण किया, जिसे बाद में पृथ्वी दिवस के प्रतीक के रूप में अपनाया गया था। यह लोगो "E" व "O" अक्षरों को जोड़कर बनाया गया था जिसमे "E" "Environment" व "O" "Organism" को दर्शाता है।

पृथ्वी दिवस के अवसर पर एक संकल्प


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EARTH DAY 2020

आज विश्व में हर जगह प्रकृति का दोहन जारी है तथा इसके दोहन और प्रदूषण की वज़ह से विश्व स्तर पर लोगों की चिंता सामने आना शुरू हुई है। आज जलवायु परिवर्तन पृथ्वी के लिये सबसे बड़ा संकट का कारण बन गया है। यदि पृथ्वी के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न लग जाएगा तो इसकी बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। इस विश्व पृथ्वी दिवस पर संकल्प लेना चाहिये कि हम पृथ्वी और उसके वातावरण को बचाने का प्रयास करेंगे । पृथ्वी दिवस के अवसर पर हम सभी को पृथ्वी के प्रहरी बनकर उसे बचाने और आवश्यकतानुरूप उपभोग का संकल्प लेना होगा, तभी हम उसकी लंबी आयु की कामना कर सकते हैं। मनुष्य इस ब्रह्मांड का मस्तिष्क यानी चेतना है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इसके बावजूद हमारी पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी स्पष्ट नहीं है। मनुष्य ने न केवल जलवायु चक्रों को बदल दिया है, बल्कि ब्रह्मांड के जीवित स्वरूप को नष्ट कर इसकी जैविक लय को अवरुद्ध कर दिया है। ब्रह्मांड में और किसी अन्य जीव के पास मनुष्य जैसे विशेषाधिकार नहीं हैं तथा सिर्फ मनुष्य ही पृथ्वी को जीवंत रखने में सबसे प्रभावी योगदान कर सकते हैं। पृथ्वी के पर्यावरण को बचाना हम सब कि जिम्मेदारी है | यह भी ध्यान रखें कि पृथ्वी के पर्यावरण को बचाने के लिए हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते, तो कम से कम इतना तो करें कि पॉलिथीन के उपयोग को नकारें, कागज का इस्तेमाल कम करें और रिसाइकल प्रक्रिया को बढ़ावा दें। क्योंकि जितनी ज्यादा खराब सामग्री रिसाइकल होगी, उतना ही पृथ्वी का कचरा कम होगा | पर्यावरण प्रदूषण से बढ़ रही समस्याओं को निपटने के लिए व्यापक प्रयास करने होंगे | पर्यावरण से संबंधित शिक्षा को हमे लोगों तक पहुचाना चाहिए। जिस से लोग पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक हो | और हमारी ये पृथ्वी सुरक्षित रहे |


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जय हिन्द ,जय भारत 

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