स्तन कैंसर के कारण लक्षण और बचाव
आज कैंसर का पता लगने से लेकर उपचार तक, तकनीक से लेकर जागरूकता तक बहुत तरक्की हो चुकी है, और इसलिए इसे पछाड़ने में हम पहले से कहीं ज्यादा सफल हो रहे हैं | तो अब बात करते हैं स्तन कैंसर की, और कैसे उससे आगे रहा जा सकता है |
भारत में महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे अधिक पाया जाता है
28 में से 1 महिला को स्तन कैंसर होने की संभावना है
स्तन कैंसर क्या हैं?
स्तन कैंसर स्तन कोशिकाओं की अनियंत्रित बढ़ोतरी है। आमतौर पर लोब्यूल्स और दुग्ध नलिकाओं में घुसकर, वे स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण करते हैं और शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं। कुछ मामलों में, स्तन कैंसर स्तन के अन्य ऊतकों को भी प्रभावित कर सकता है।
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स्तन कैंसर के कारण
महिलाओं में स्तन कैंसर के पहचाने जाने वाले कई कारण हैं।
पारिवारिक इतिहास।
BRCA1, BRCA2 और P53 जैसे जीनों में म्यूटेशन।
लंबे समय तक अंतर्जात एस्ट्रोजेन के संपर्क में रहना।
समय से पहले पहला मासिक धर्म।
देर से रजोनिवृत्ति।
गर्भनिरोधक गोली।
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी।
जीवनशैली के अन्य जोखिम कारकों में शराब का उपयोग, शारीरिक निष्क्रियता, मोटापा और कम समय के लिए स्तनपान शामिल हैं।
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स्तन कैंसर के चरण-
0, IA, IB, IIA, IIB, IIIA, IIIB, IIIC और चरण IV में वर्गीकृत किया गया है। हर एक चरण कैंसर के फैलाव को दर्शाता है, जहां अंतिम चरण मेटास्टेसिस को शरीर के अन्य भागों में दर्शाता है। अंतिम चरण बहुत ख़तरनाक है और इसमें जिंदा रहने की उम्मीद बहुत कम होती है।
स्तन कैंसर के लक्षण -
लक्षणों पर नजर रखना जरुरी है:- यहाँ दिए हुए लक्षण कैंसर ही हो ये जरुरी नहीं, पर इनके नजर आने पर एक बार डॉक्टर से सलाह जरुर लें |
स्तन पर या बगल में गाँठ
स्तन या बगल में दर्द
मांसपेशी का एक जगह पर मोटा होना
निप्पल से रिसाव
निप्पल का उलट जाना
निप्पल पर चकते या खुजली होना
स्तन के आकार या माप में बदलाव
स्तन में सुजन, या उसका काला या लाल पड़ना
त्वचा का संतरे के छिलके जैसा दिखाना
स्तन कैंसर से बचाव -
खुद की हुई जांच:- अपने स्तन और बगलों की जांच हर महीने माहवारी के एक हफ्ते बाद 20 वर्ष या उससे ज्यादा की महिलाओं के लिए
डॉक्टर या नर्स द्वारा क्लिनिकल जांच:- 20 से 30 वर्ष की उम्र की औरतें हर तीन साल पर कराएँ और 40 की उम्र के बाद हर साल
मैमोग्राफी यानि स्तन का एक्स-रे :- 45 वर्ष की उम्र के बाद डॉक्टर की सलाह पर
डॉक्टर या नर्स द्वारा क्लिनिकल जांच:- 20 से 30 वर्ष की उम्र की औरतें हर तीन साल पर कराएँ और 40 की उम्र के बाद हर साल
इन सभी बातों का ध्यान में रख कर व जीवनशैली में छोटे-छोटे परिवर्तन ला कर हम कैंसर से आगे रह सकते हैं | जब आप जान ही गए हैं तो अपने आसपास के लोगों को बताइए | खुद भी दो कदम आगे रहिये और उनको भी आगे रखिये |
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