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ye badshah ka hukm hai aur ek hukm ye bhi hai image par kavita

ये बादशाह का हुक्म है और एक हुक्म ये भी है, मेरे लिए जो है सजी वो सेज न ख़राब हो 


ye badshah ka hukm hai aur ek hukm ye bhi hai image par kavita


तुम्हारी अर्थियां उठे मगर ये ध्यान में रहे

मेरे लिए जो है सजी वो सेज न ख़राब हो

ये बादशाह का हुक्म है, और एक हुक्म ये भी है

भले कोई मरे मेरी इमेज न ख़राब हो



सुनो मेरे मंत्रियों सफेदपोश संत्रियों

जहाँ मिले जमीन खली रोप दो कपास तुम

कपास मिल में डाल कर बुनो सफ़ेद चादरें

गली गली में जाकर के फिर ढको हर एक लाश तुम

सवाल जो करे उसे नरक में तब तलक रखो

कहे न जब तलक मुझे कि आप लाजवाब हो

ये बादशाह का हुक्म है, और एक हुक्म ये भी है

भले कोई मरे मेरी इमेज न ख़राब हो

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खरीदो ड्रोन कैमरें खीचाऑ मेरी फोटोएं

दिखाओ उसको न्यूज पे करो मेरा प्रचार फुल

कहीं दिखे दाग़ तो ज़बान से ही पोछ दो

मगर ये ध्यान में रहे ज़बान में हो लार फुल

निकाल रीढ़ हर किसी भीड़ वो बनाओ तुम

हो जुल्म बेहिसाब पर कभी न इंक़लाब हो

ये बादशाह का हुक्म है, और एक हुक्म ये भी है

भले कोई मरे मेरी इमेज न ख़राब हो



जो सत्य है वो ही दिखे न लाग न लपेट हो

न कोई पेड न्यूज़ हो न झूट का प्रचार हो

काट दे जो जुल्म को जो चीर दे अनर्थ को

वो पत्रकार के कलम में ऐसे तेजधार हो

सलाख डाल कर , निकाल कर उछाल दो उसे

किसी की आँख में अगर ये बेहुदा सा ख्वाब हो

ये बादशाह का हुक्म है, और एक हुक्म ये भी है

भले कोई मरे मेरी इमेज न ख़राब हो


पुनीत शर्मा

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