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NOBEL PRIZE

नोबेल पुरुस्कार 

कौन थे अल्फ्रेड नोबेल जिनके नाम पर मिलता है नोबेल पुरस्कार?

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ALFERD NOBEL
अल्फ्रेड नोबेल का जन्म स्वीडन के स्टॉकहोम में 21 अक्टूबर 1833 को हुआ था | 9 वर्ष की उम्र में वे परिवार के साथ रूस चले गए | बचपन में वह काफी भावुक एवं संवेदनशील थे |अपने पिता और प्रसिद्ध वैज्ञानिक जान एरिक्सन के साथ रहकर नौसेना संबंधी ज्ञान भी अर्जित किया था | अल्फ्रेड नोबेल एक अविवाहित स्वीडिस रसायनशात्री और इंजीनियर थे | उन्होंने सन 1866 में डाइनामाइट नामक विस्फोटक का पदार्थ का आविष्कार किया था | वे अपनी प्रयोगशाला में नाईट्रोग्लीसरीन नामक अत्यधिक विस्फोटक द्रव तैयार कर रहे थे जो जरा से झटके से भी फुट सकता था | अचानक उनके फ्लास्क से थोडा सा द्रव नीचे गिर पड़ा | परन्तु सौभाग्य से फर्श पर न गिरकर एक विशेष प्रकार की मिटटी से भरे पात्र में गिरा | नोबेल ने देखा कि मिटटी ने द्रव सोख लिया और एक गाढ़ा घोल सा बन गया | बड़ी सावधानी से उन्होंने थोड़ा सा घोल उठा कर एक गोली बनाई, प्रयोगशाला से बहार गए और आग लगा दी | इससे गोली में भयंकर विस्फोट हुआ और नोबेल को नाईट्रोग्लीसरीन को सुरक्षित रूप में सँभालने, रखने कि विधि मालुम हो गई | उन्होंने इसे डायनामाईट [बारूद] का नाम दिया | 10 दिसंबर 1896 को इटली के सैनरेमों में अल्फ्रेड नोबेल का 63 वर्ष कि आयु में निधन हो गया | उनकी मृत्यु के बाद ही स्वीडिश लोगों को पुरुस्कारों के बारे में पता चला जब उन्होंने उनकी वसीयत पढ़ी | दरअसल अल्फ्रेड नोबेल को जीवन के अंतिम दिनों में युद्ध में भारी तबाही मचाने वाले अपने अविष्कारों को लेकर भारी पश्चाताप था | इसलिए उन्होंने अपनी वसीयत में अपने धन से मिलाने वाली सारी वार्षिक आय को पुरुस्कारों के रूप में देने कि इच्छा जाहिर की थी | अपनी वसीयत में उन्होंने आदेश दिया था कि “सबसे योग्य व्यक्ति चाहे वो स्वीडेनेवियन हो या न हो पुरुस्कार प्राप्त करेगा |” उनके द्वारा छोड़े गए धन पर मिलने वाला ब्याज उन व्यक्तियों के बीच बांटा जाता है, जिन्होंने विज्ञान,साहित्य,शांति और चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है वर्तमान में नोबेल पुरस्‍कार जीतने वालों को 9 मिलियन स्‍वीडिश क्राउन दिया जाता है | इसे भारतीय रुपए में कन्‍वर्ट करें तो ये राशि 7 करोड़ रुपए से ऊपर पहुंचती है | आज ‘नोबेल पुरुस्कार’ प्राप्त करना विश्व का सर्वोच्च सम्मान समझा जाता है |

नोबेल पुरस्कार से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य :-

 [1] पहले नोबेल पुरूस्कार पांच विषयों में कार्य के लिए दिए जाते थे | चिकित्सा,भौतिकी,रसायन,साहित्य और शांति, अर्थशास्त्र के लिए पुरूस्कार स्वेरिजेश रिक्स बैंक,स्वीडिश बैंक द्वारा अपनी 300वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में 1967 में पहली बार प्रदान किया गया | इसे अर्थशास्त्र में नोबेल स्मृति पुरुस्कार भी कहा जाता है | 

[2] पुरुस्कार के लिए बनी समिति और चयनकर्ता प्रत्येक वर्ष अक्टूबर में नोबेल पुरुस्कार विजेताओं की घोषणा करते हैं लेकिन पुरुस्कारों का वितरण अल्फ्रेड नोबेल कि पुण्य तिथि 10 दिसम्बर को किया जाता है | 

[3] प्रत्येक पुरुस्कार में एक वर्ष में अधिकतम तीन लोगों को पुरूस्कार दिया जा सकता है | इनमें से प्रत्येक विजेता को एक स्वर्ण पदक,डिप्लोमा,स्वीडिश नागरिकता में एक्सटेंसन और धन दिया जाता है | 

[4] अगर एक पुरुस्कार में दो विजेता हैं, तो धनराशि दोनों में समान रूप से बाँट दी जाती है | पुरुस्कार प्राप्तकर्ताओं कि संख्या अगर तीन है तो चयन समिति के पास यह अधिकार होता है कि वह धनराशि को तीनों में बराबर बाँट दे या एक को आधा दे दे और बाक़ी दो को बचा धन बराबर बाँट दे | 

[5] अब तक केवल दो बार मृत व्यक्तियों को यह पुरुस्कार दिया गया है पहली बार एरि एक्सेल कार्लफल्डट को 1931ई० में और दूसरी बार संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव डैग हैमरसोल्ड को 1961ई० में | 

[6] 1974 में नियम बना दिया गया कि मरणोपरांत किसी को नोबेल पुरुस्कार नहीं दिया जायेगा |

कुछ विशेष:-

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[1] इंटरनेशनल कमेटी आफ रेड क्रास को शांति का नोबेल पुरुस्कार 3 बार दिया गया है – वर्ष 1917,1944,1963में  
[2] सर विलियम हेनरी ब्रैग ने अपने बेटे विलियम एल ब्रैग के साथ [भौतिकी] का नोबेल पुरुस्कार 1980 में प्राप्त किया |
[3]सबसे कम उम्र में नोबेल पुरुस्कार प्राप्त करने वाले व्यक्ति लॉरेन्स ब्रैग [25वर्ष] थे |
[4]सबसे अधिक उम्र में नोबेल पुरुस्कार प्राप्त करने वाले व्यक्ति रेमंड डेविस जूनियर [88वर्ष] थे |
[5] सबसे ज्यादा नोबेल पुरुस्कार पाने वाला परिवार मैडम क्यूरी का परिवार है |





नोबेल पुरुस्कार प्राप्त करने वाले भारतीय:-

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Indian Nobel Prize winner

[1] रवीन्द्र नाथ टैगोर- 1913 में इन्हें [साहित्य] का नोबेल पुरुस्कार इनकी पुस्तक गीतांजलि के लिए दिया गया |
[2] सी० वी० रमन- इनकी खोज रमन प्रभाव के लिए इन्हें 1930 में [भौतिकी] का नोबेल पुरुस्कार पुरुस्कार दिया गया |
[3] हरगोबिन्द खुराना- इन्हें 1968 में ‘कृत्रिम जीन के संश्लेषण’ के लिए [चिकित्सा] का नोबेल पुरुस्कार दिया गया |
[4] मदर टेरेसा- इन्हें 1979 में इनके ‘समाज सेवा संबंधी कार्यों’ के लिए [शांति] का नोबेल पुरुस्कार दिया गया |
[5] सुब्रमणयम चंद्रशेखर- इन्हें 1983 में इनकी खोज ‘चंद्रशेखर सीमा’ के लिए [भौतिकी] का नोबेल पुरुस्कार दिया गया |
[6] अर्मत्य सेन- इन्हें 1998 में ‘कल्याणकारी अर्थशास्त्र’ के लिए [अर्थशास्त्र] का नोबेल पुरुस्कार दिया गया |
[7] वी० एस० नायपाल – इन्हें 2001 में [साहित्य] का नोबेल पुरुस्कार दिया गया |
[8] वेंकटरमण रामकृष्णन – इन्हें साल 2009 में राइबोसोम की संरचना और इसके काम करने की जानकारी देने के लिए [रसायन] का नोबेल पुरस्कार दिया गया |
[9] कैलाश सत्यार्थी – इन्हें साल 2014 ‘बाल मजदूर उन्मूलन और शिक्षा में उनके अधिकार के लिए’ [शांति] का नोबेल पुरुस्कार दिया गया |
[10] अभिजीत विनायक बनर्जी – इन्हें साल 2019 में ‘गरीबी हटाने की दिशा में काम करने के लिए’ [अर्थशास्त्र] का नोबेल पुरुस्कार दिया गया |

दो बार नोबेल पुरुस्कार प्राप्त करने वाले व्यक्ति:-

[1] मैडम क्यूरी – 1903 में रेडियो सक्रियता [भौतिकी] कि खोज के लिए, और 1911 में शुद्ध रेडियम रसायन के निष्कर्षण के लिए |
[2] लीनस पॉलिंग – 1954 में हाईब्रिडाइजड कक्षीय सिधांत रसायन के लिए और 1962 में नाभिकीय परिक्षण निषेध संधि एक्टिविज्म [शांति] के लिए |
[3] जान बारडीन – 1956 में ट्रांजिस्टर [भौतिकी] के आविष्कार के लिए और 1972 में अतिचालकता के सिद्धांत [भौतिकी] के लिए | 
[4] फ्रेडरिक सेंगर – 1958 में इन्सुलिन मोलिक्यूल कि संरचना [रसायन] के लिए तथा, 1980 में वायरस न्यूकिल्योटाईड के सीक्वेंक्सिग [रसायन] के लिए |

ये भी याद रहे:-

[1] 1937 से लेकर 1948ई० तक गाँधी जी को पांच बार शांति पुरुस्कारों के लिए नामित किया गया था पर एक बार भी उन्हें इस पुरुस्कार के लिए नहीं चुना गया |
[2] द्वितीय विश्वयुद्ध के समय 1940 से 1942 तक नोबेल पुरुस्कार नहीं दिया गया |



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जय हिन्द,जय भारत 

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