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AAZADI KA DIN MANA RAHA HINDUSTAN OPET BY HARIVASH RAI BACHCHAN

आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान - हरिवंशराय बच्चन 

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AAZADI KA DIN MANA RAHA HINDUSTAN HARIVASH RAI BACHCHAN
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आज़ादी का आया है पहला जन्म-दिवस,
उत्साह उमंगों पर पाला-सा रहा बरस,
यह उस बच्चे की सालगिरह-सी लगती है
जिसकी मां उसको जन्मदान करते ही बस
कर गई देह का मोह छोड़ स्वर्गप्रयाण
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान

किस को बापू की नहीं आ रही आज याद
किसके मन में है आज नहीं जागा विषाद
जिसके सबसे ज्यादा श्रम यत्नों से आई
आजादी उसको ही खा बैठा है प्रमाद
जिसके शिकार हैं दोनों हिन्दू-मुसलमान
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान

कैसे हम उन लाखों को सकते है बिसार
पुश्तहा-पुश्त की धरती को कर नमस्कार
जो चले काफ़िलों में मीलों के, लिए आस
कोई उनको अपनाएगा बाहें पसार
जो भटक रहे अब भी सहते मानापमान
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान

कश्मीर और हैदराबाद का जन-समाज
आज़ादी की कीमत देने में लगा आज
है एक व्यक्ति भी जब तक भारत में गुलाम
अपनी स्वतंत्रता का है हमको व्यर्थ नाज़
स्वाधीन राष्ट्र के देने हैं हमको प्रमाण
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान

है आज उचित उन वीरों का करना सुमिरन
जिनके आँसू, जिनके लोहू, जिनके श्रमकण
से हमें मिला है दुनिया में ऐसा अवसर
हम तान सकें सीना, ऊँची रक्खें गर्दन
आज़ाद कंठ से आज़ादी का करें गान
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान

सम्पूर्ण जाति के अन्दर जागे वह विवेक
जो बिखरे हैं, हो जाएं मिलकर पुनः एक
उच्चादर्शों की ओर बढ़ाए चले पांव
पदमर्दित कर नीचे प्रलोभनों को अनेक
हो सकें साधनाओं से ऐसे शक्तिमान
दे सकें संकटापन्न विश्व को अभयदान
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान


कवि परिचय:-

हरिवंश राय बच्चन 

हरिवंश राय बच्चन (27 नवम्बर 1907 – 18 जनवरी 2003 हिन्दी भाषा के एक कवि और लेखक थे। बच्चन हिन्दी कविता के उत्तर छायावत काल के प्रमुख कवियों में से एक हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति मधुशाला है। भारतीय फिल्म उद्योग के प्रख्यात अभिनेता अमिताभ बच्चन उनके सुपुत्र हैं। उनकी मृत्यु 18 जनवरी 2003 में सांस की बीमारी के वजह से मुंबई में हुई थी।


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