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What is the difference between creamy layer and non creamy layer in hindi

 क्रीमी लेयर और नॉन क्रीमी लेयर क्या है ?

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creamy layer or non creamy layer



क्रीमी लेयर क्या है (What is Creamy Layer)-


क्रीमी लेयर (Creamy Layer) का शाब्दिक अर्थ होता है, 'मलाईदार तबका'| इस लेयर के माध्यम से अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में आने वाली जातियों का ‘आर्थिक आधार’ पर बंटबारा किया जाता है| अर्थात जो व्यक्ति इस लेयर के अंतर्गत आता है उसको सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में OBC केटेगरी में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाता है| 



सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण है, लेकिन, अगर किसी OBC परिवार की वार्षिक 8 लाख रुपये से अधिक है तो उस परिवार के किसी लड़के/लड़की को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा अर्थात उसको गैर-आरक्षित सीट से नौकरी या दाखिला लेना होगा| क्रीमी लेयर की सीमा 1993 में शुरू की गयी थी और उस समय 1 लाख/वर्ष की आय वाले लोग इसमें शामिल किये गये थे| बाद में इस सीमा को बढाकर 2004 में 2|5 लाख रुपये, 2008 में 4|5 लाख रुपये, 2013 में 6 लाख रुपये और 2017 में 8 लाख रुपये (current income for creamy layer) कर दिया गया है|


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नॉन क्रीमी लेयर क्या है(What is Non-Creamy Layer) 


वर्तमान में अगर किसी परिवार का सालाना आय 8 लाख रूपये से अधिक है तो उस परिवार को क्रीमी लेयर की श्रेणी में रखा जायेगा| यदि किसी परिवार की सालाना आय 8 लाख रूपये से कम है तो उस परिवार को नॉन क्रीमी लेयर की श्रेणी में रखा जायेगा और उसके बच्चों को OBC वाले 27% आरक्षण का लाभ मिलेगा|



क्रीमी लेयर के लिए संवैधानिक प्रावधान (Constitutional Provisions for OBC Creamy Layer)


भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 (4), 16 (4) और 340 (1) में 'पिछड़े वर्ग' शब्द का उल्लेख मिलता है| अनुच्छेद 15(4) एवं 16(4) में प्रावधान किया गया है कि राज्य द्वारा सामाजिक और शैक्षिक रूप से 'पिछड़े वर्गों' के कल्याण के लिये विशेष प्रावधान किया जा सकता है या विशेष सुविधाएँ दी जा सकतीं हैं|


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भारत में आरक्षण का इतिहास:- 


अनुच्छेद 16, राज्य के अधीन किसी पद पर नियुक्ति से सम्बंधित विषयों में अवसर की समानता की बात करता है| लेकिन इसके कुछ अपवाद भी हैं| जैसे, यदि राज्य को लगता है कि नियुक्तियों में पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व नहीं है तो उनके लिए आरक्षण की व्यवस्था की जा सकती है|




कौन-कौन लोग क्रीमी लेयर में शामिल किये जाते हैं?


निम्नलिखित लोगों को क्रीमी लेयर में रखा गया है अर्थात इनके बच्चों को अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित 27% नौकरियों और दाखिलों की सीटों में रिजर्वेशन नहीं मिलेगा-



1| संवैधानिक पद धारण करने वाले व्यक्ति: इसमें राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के न्यायधीश, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक और मुख्य निर्वाचन आयुक्त| 

2| केन्द्रीय और राज्य सेवाओं में कार्यरत ग्रुप A, ग्रुप B अधिकारी, PSUs, यूनिवर्सिटीज, बैंकों, बीमा कंपनियों के पदस्थ अधिकारी| ध्यान रहे यह नियम निजी कंपनियों में कार्यरत अधिकारियों पर भी लागू होता है| 

3| इंजीनियर, डॉक्टर, सलाहकार, कलाकार, लेखक और अधिवक्ता इत्यादि| 

4| सेना में कर्नल या उससे ऊपर की रैंक का अधिकारी या वायुसेना, नौसेना और पैरामिलिटरी में समान रैंक का अधिकारी| 

5| उद्योग, वाणिज्य और व्यापार में लगे व्यक्ति 

6| शहरी क्षेत्रों में जिन लोगों के पास भवन है, जिनके पास एक निश्चित सीमा से अधिक रिक्त भूमि या कृषि भूमि है| 

7| जिन लोगों की सालना पारिवारिक आय 8 लाख रुपये से अधिक है|




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