राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) क्या है ?
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राष्ट्रीय सुरक्षा कानून क्या है ?
कब बना था ये कानून ?
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम भारत में लागू होने वाला अपनी तरह का पहला
कानून नहीं है | देश में कई प्रकार के
कानून बनाए गए हैं| ये कानून अलग-अलग
स्थिति में लागू किए जाते हैं| इन्हीं मे से एक है
रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून| 23 सितंबर,
1980 को
इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान इसे बनाया गया था|
ये कानून देश की सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित
है| यह कानून केंद्र और राज्य
सरकार को संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लेने की शक्ति देता है|
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किन नागरिकों को पकड़ा जा सकता है ?
यदि सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में उसके सामने बाधा खड़ी कर रहा है को वह उसे हिरासत में लेने का आदेश दे सकती है| इस कानून का इस्तेमाल जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, राज्य सरकार अपने सीमित दायरे में भी कर सकती है|
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कारावास की अवधि (Imprisonment under the NSA)
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 (NSA) के तहत किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है| राज्य सरकार को यह सूचित करने की आवश्यकता है कि NSA के तहत एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है|
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रासुका के अन्य प्रावधान (Provisions of NSA)
1| यह अधिनियम, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को किसी व्यक्ति को भारत की सुरक्षा को नुकसान पहुँचाने, विदेश के साथ भारत के संबंधों को चोट पहुँचाने, सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव या आपूर्ति को बाधित करने, ड्यूटी पर तैनात किसी पुलिस कर्मी पर हमला करने के जुर्म में गिरफ्तार करने की ताकत देता है| अभी हाल में मध्य प्रदेश में इस मामले में कुछ गिरफ्तारियां हुई हैं|
3| NSA के तहत, गिरफ्तार व्यक्ति सरकार द्वारा गठित किसी सलाहकार बोर्ड के समक्ष अपील कर सकता है लेकिन उसे मुक़दमे के दौरान वकील की सहायता प्राप्त करने का हक़ नहीं है|
4| यह कानून, सरकार को किसी विदेशी को उसकी गतिविधि को नियंत्रित करने के लिए गिरफ्तार करने या देश से बाहर निकालने की शक्ति भी देता है|
5| गाज़ियाबाद और दिल्ली में कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर्स से बदतमीजी करने और संक्रमित मरीजों द्वारा अपने कोरोना संक्रमण को अन्य स्वस्थ लोगों तक पहुँचाने के जुर्म में कुछ लोगों पर रासुका के तहत मामला दर्ज किया गया है|
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) की आलोचना (Criticism of National Security Act)
चूंकि इस कानून में भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी कारण बताये गिरफ्तार
किया जा सकता है और कुछ समय तक अपना वकील रखने की भी अनुमति नही होती है, इसलिए इस क़ानून की तुलना अंग्रेजों के रौलट एक्ट से भी
की जाती है| कई जानकारों के अनुसार, राज्य सरकार ने NSA को ‘एक्स्ट्रा जुडिशल
पॉवर’ के तौर पर इस्तेमाल भी किया
है |
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