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what is trp how it is calculated and Importance of trp in Hindi trp kya hota hai 2020

टीआरपी क्या होता है ? इसकी गणना कैसे की 

जाती है ?और टीआरपी का क्या महत्व है?




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TV चैनल की TRP क्या होती है ?


TRP का फुल फॉर्म टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट’ (Television Rating Point) होता है| टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट्स किसी भी टेलीविज़न कार्यक्रम की लोकप्रियता और उसकी दर्शक संख्या का अनुमान लगाने का एक तरीका है। 


किसी तय समय पर किसी चैनल या टीवी शो को औसतन कितने लोग देख रहे हैं इस की गणना TRP की सहायता से की जाती है। TRP द्वारा ये पता लगाया जाता है कि कौन सा प्रोग्राम या TV चैनल सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। 


साथ ही इसके कारण किसी भी प्रोग्राम या चैनल की पॉपुलैरिटी को समझने में मदद मिलती है यानी कि लोग किसी चैनल या प्रोग्राम को कितनी बार और कितने समय के लिए देख रहे है। प्रोग्राम की TRP सबसे ज्यादा होना मतलब सबसे ज्यादा दर्शक उस प्रोग्राम को देख रहे हैं। 

अगर किसी शो या चैनल की टीआरपी ज्यादा है तो इसका मतलब है कि उस शो को ज्यादा लोग देख रहे हैं या पसंद कर रहे हैं। इसी के साथ अगर किसी शो की TRP बहुत कम है तो इसका मतलब है कि उस शो को देखने वाले लोगों की संख्या भी कम है।




TRP कैसे कैलकुलेट की जाती है, इसकी प्रक्रिया क्या है?


दुनिया भर में TRP कैलकुलेट करने के लिए कई सारे तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है| इंडिया में TRP प्रमुखतया दो तरीकों से कैलकुलेट की जाती है-

पहला तरीका है People Meter का इस्तेमाल और 
दूसरा तरीका है Picture Matching.

1. People Meter:- टीआरपी की गणना करने का सबसे प्रमुख तरीका People Meter है | People Meter एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है जिसे जगह-जगह पर लोगों के घरों पर लगा दिया जाता है | पीपल मीटर ख़ास फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करके तय करता है कि ख़ास समय पर किस घर में कौनसा प्रोग्राम या चैनल देखा जा रहा है | इस डाटा को एक साथ इकट्ठा किया जाता है और फिर विश्लेषण के बाद साप्ताहिक या मासिक TRP लिस्ट जारी की जाती है |


2. Picture Matching:- यह एक कम पोपुलर तरीका है | इसमें अलग-अलग समय पर अलग-अलग जगह पर चल रहे टीवी सेट की स्क्रीन कैप्चर की जाती है और उससे पता लगाया जाता है कि किस टीवी पर कौनसा चैनल या कार्यक्रम देखा जा रहा था | एक ख़ास समय में जिस शो से जुड़े सबसे ज्यादा पिक्चर स्क्रीन रिकॉर्ड होते हैं उस शो की TRP सबसे ज्यादा होती है |


इंडिया में TRP रेटिंग कौन जारी करता है?

TRP रेटिंग कैलकुलेट करने का काम इंडिया में मुख्यतः INTAM (Indian Television Audience Measurement) और BARC (Broadcast Audience Research Council) एजेंसी द्वारा किया जाता है |


1. INTAM (Indian Television Audience Measurement) एजेंसी है जो लोगों के घरों में पीपलस मीटर (People's Meter) लगाती है और उन मीटर से प्राप्त हुए डाटा के आधार पर टीवी कार्यक्रमों की रेटिंग तय करती है | ये टीम पीपलस मीटर से मिली जानकारी का विश्लेषण करने के बाद तय करती है कि किस चैनल या प्रोग्राम की टीआरपी कितनी है| इसको गिनने के लिए एक दर्शक के द्वारा नियमित रूप से देखे जाने वाले प्रोग्राम और समय को लगातार रिकॉर्ड किया जाता है और फिर इस डाटा को 30 से गुना करके प्रोग्राम का एवरेज रिकॉर्ड निकाला जाता है| यह पीपल मीटर किसी भी चैनल और उसके प्रोग्राम के बारे में पूरी जानकारी निकाल लेता है|

2. BARC (Broadcast Audience Research Council) एक प्रमुख भारतीय ब्रॉडकास्ट रिसर्च एजेंसी है  ये चैनल TRP तय करने के लिए आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल करती है| BARC द्वारा BAR-O मीटर और Audio Watermark जैसी नई तकनीक का इस्तेमाल करके किसी भी शो की विडियो फाइल के साथ कुछ ऑडियो वॉटरमार्क (एक प्रकार के अद्रश्य कोड) जोड़ देती है| जब दर्शक उस शो को देखते हैं और वह कोड उनके स्क्रीन पर दिखाई देता है तो इसे BARC के बार कोड मीटर द्वारा दर्ज कर लिया जाता है | बाद में इस डाटा को समय, प्रोग्राम,भाषा आदि केटेगरी में बांटकर और विश्लेषण करके साप्ताहिक TRP लिस्ट जारी की जाती है |


3. DART (Doordarshan Audience Research Team) भी TRP रेटिंग कैलकुलेट करने का काम करती है| DART मुख्यत: दूरदर्शन के कार्यक्रमों की लोकप्रियता मापने का काम करती है| इससे जुड़े लोग दूर दराज के गाँव तक में कौनसा कार्यक्रम देखा जा रहा है इसकी भी जानकारी इकठ्ठा करते हैं |


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टीआरपी का क्या महत्व है? Importance of TRP in Hindi


TRP को इतना ज्यादा महत्व इसीलिए दे जाता है क्योंकि इसका संबंध सीधा चैनल की कमाई से होता है। जिस चैनल को कम दर्शक देखते हैं उसकी टीआरपी गिर जाती है और उस पर एडवर्टाइजमेंट कम मिलते हैं।


TRP सबसे ज्यादा Advertisers के लिए महत्वपूर्ण होती है। क्योंकि इससे उन्हें बड़ी आसानी से यह पता लग जाता है कि किस चैनल पर ऐड देने से उन्हें ज्यादा से ज्यादा फायदा होगा।


टी| आर| पी| डाटा विज्ञापनदाताओं के लिए बहुत उपयोगी होता है। हर विज्ञापनदाता सबसे ज्यादा टीआरपी वाले चैनल पर ऐड देना पसंद करता है, क्योंकि इससे उसे ज्यादा ऑडियंस मिलते हैं। 


जिस चैनल की जितनी ज्यादा टीआरपी होती है उसे उतने ही ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट मिलते हैं और उसकी उतनी ही ज्यादा कमाई होती है।

 


टीआरपी के बढ़ने या घटने पर क्या होता है?


किसी भी प्रोग्राम की टीआरपी के ज्यादा या कम होने का सीधा असर उस टीवी चैनल की इनकम पर पड़ता है | जिसमें वो प्रोग्राम आ रहा होता है| क्या आप जानते हैं कि टीवी चैनल्स है जैसे सोनी, स्टार प्लस, जी चैनल संग अन्य जितने चैनल हैं वे सभी विज्ञापन द्वारा पैसे कमाते हैं

अगर किसी प्रोग्राम या चैनल की टीआरपी कम है तो इसका मतलब है कि लोग उसे कम देख रहे हैं| ऐसे में उसे कम विज्ञापन और कम पैसे मिलेंगे| लेकिन अगर किसी चैनल या प्रोग्राम का टीआरपी ज्यादा है तो उसे विज्ञापन और विज्ञापनदाताओं द्वारा पैसे दोनों ज्यादा मिलेंगे

ऐसे में हम कह सकते है कि टीआरपी केवल चैनल ही नहीं बल्कि किसी एक प्रोग्राम पर भी निर्भर करती है| उदाहरण के लिए यदि किसी प्रोग्राम की टीआरपी अन्य प्रोग्रामों से ज्यादा है तो विज्ञापनदाता अपना विज्ञापन उसमें दिखाना चाहेंगे और ज्यादा पैसे भी देंगे | 


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